उसका बस यही एक सपना था, सबकी तरह ही, मगर उसके अनुसार सिर्फ और सिर्फ उसी का, कि इक दिन इक राजकुमार आएगा उसकी भी ज़िंदगी में। घोड़े पे सवार होकर..... उसने ऐसा नहीं सोचा था, मगर हाँ..... वो जब आएगा तो सब कुछ बदल जाएगा..... खुशियों में..... कुछ ऐसा ही। उसके सपने को शब्दों में बयान करना शायद खुद उसके लिए भी बहुत मुश्किल था। अब तो बस वो पल ही बता सकता था कि उसका सपना क्या था? बस उस पल का इंतज़ार करते-करते उसे 32 बरस लग गए..... सिर्फ उसे ही। कहानी लिखने वाला तो उसी पल उस राजकुमार के साथ आया था, इसलिए उसका यह बता पाना कि अपने सपने का इंतज़ार करना कैसा लगता है? मुश्किल होगा। हाँ.... अगर उस पल के ठीक पहले वाले पल को महसूस भर कर लिया जाए, तो भी उस पगली के इंतज़ार को थोड़ा-बहुत समझा जा सकता है।
कहानी जारी किया जाएगा.............................
कहानी जारी किया जाएगा.............................
7 comments:
वाह, प्रतीक्षित पल को आनन्द में डुबो डालें..पूरी तरह से।
सपना....इंतजार.......और इंतजार........शायद कभी ख़तम न होने वाला इंतजार........फिर भी निराश न होना ....वाह
कभी कभी इंतजार लंबी हो जाती है ...
Where are you dese days.. ??? :(
Wish that girl a lots of luck and hope her dreams come true.
Bahut achi kahani hai. Keep posting more.
Mera favorite waala Blog tha ye... aise band kyun kiya..
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