मेरे आँखों में सज़े ख्वाबों
का
हिसाब अब भी बाकी है।
मेरे खवाबों में बीते लम्हों
का
हिसाब अब भी बाकी है।
मेरे लम्हों में बसे उस
अक्स का
हिसाब अब भी बाकी है।
उस अक्स से जुड़े अहसासों
का
हिसाब अब भी बाकी है।
उन अहसासों से पनपे उस
रिश्ते का
हिसाब अब भी बाकी है।
उस रिश्ते में दबे मेरे
विश्वास का
हिसाब अब भी बाकी है।
मेरे विश्वास से बंधे उस
नाम का
हिसाब अब भी बाकी है।
उस नाम से जुड़े उस शख़्स
का
हिसाब अब भी बाकी है।
और उस शख़्स से उधार लिए
कुछ ख्वाबों का
हिसाब अब भी बाकी है।
11 comments:
achha... aapka koi blog bhi tha kya.. :) main to bhool hi gaya tha...
lekin ye baaki hisab ke bahane main bhi yahan chala aaya... :) itne dino ke baad padhkar achha laga..
@ shekhar: he he han sahi kehte ho.... mujhe bhi kuch aisa hi khyaal thodi der pehle aaya tha ki mera bhi koi blog tha kya......!!!!!!!!
अब जरा पोस्ट लिखने का भी हिसाब ठीक करो लो...यार कितने दिनों बाद लिखती हो और वो भी एकदम खतरनाक टाईप....
अरे जल्दी जल्दी लिखा करो न...बोलो तो एक दो चोकलेट दे दूँ जल्दी पोस्ट लिखने के लिए :P
चलो! किसी बहाने ही सही ,कलम का compulsion या दिल की पुकार, रचना होती रहे नया साल सब को मुबारक!
उस शख़्स से उधार लिए कुछ ख्वाबों का
हिसाब अब भी बाकी है।
हिसाब चुकता भी तो नहीं होना चाहिए
कुछ हिसाब उम्र भर चुकता नहीहोते।
बहुत दिनों बाद आप हिसाब किताब ले कर आई हैं ...न जाने कितने हिसाब बाकी ही रह जाते हैं ... अच्छी प्रस्तुति
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
बहुत दिन बाद आपका लिखा कुछ ..नज़रों के आगे आया.कहाँ थी??????
ये हिसाब -किताब...बही खाते ...ले कर आई ,इतने दिन बाद .अच्छा है पर यही दुआ कि इसका हिसाब जल्दी मिले .
good writing..write more often..
अलसाये से नयन तुम्हारे ख्वाबों में खोये से हैं
बेशक आँख खुली है फिर भी टूटा कब है ख़्वाब अभी
aap kii sundr rchna ke liye bdhaai .
dr.vedvyathit@gmail.com
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