Tuesday, December 27, 2011

हिसाब अब भी बाकी है.....


मेरे आँखों में सज़े ख्वाबों का
हिसाब अब भी बाकी है।
मेरे खवाबों में बीते लम्हों का
हिसाब अब भी बाकी है।
मेरे लम्हों में बसे उस अक्स का
हिसाब अब भी बाकी है।
उस अक्स से जुड़े अहसासों का
हिसाब अब भी बाकी है।
उन अहसासों से पनपे उस रिश्ते का
हिसाब अब भी बाकी है।
उस रिश्ते में दबे मेरे विश्वास का
हिसाब अब भी बाकी है।
मेरे विश्वास से बंधे उस नाम का
हिसाब अब भी बाकी है।
उस नाम से जुड़े उस शख़्स का
हिसाब अब भी बाकी है।
और उस शख़्स से उधार लिए कुछ ख्वाबों का
हिसाब अब भी बाकी है।

11 comments:

Shekhar Suman said...

achha... aapka koi blog bhi tha kya.. :) main to bhool hi gaya tha...
lekin ye baaki hisab ke bahane main bhi yahan chala aaya... :) itne dino ke baad padhkar achha laga..

वन्दना महतो ! (Bandana Mahto) said...

@ shekhar: he he han sahi kehte ho.... mujhe bhi kuch aisa hi khyaal thodi der pehle aaya tha ki mera bhi koi blog tha kya......!!!!!!!!

abhi said...

अब जरा पोस्ट लिखने का भी हिसाब ठीक करो लो...यार कितने दिनों बाद लिखती हो और वो भी एकदम खतरनाक टाईप....
अरे जल्दी जल्दी लिखा करो न...बोलो तो एक दो चोकलेट दे दूँ जल्दी पोस्ट लिखने के लिए :P

ktheLeo (कुश शर्मा) said...

चलो! किसी बहाने ही सही ,कलम का compulsion या दिल की पुकार, रचना होती रहे नया साल सब को मुबारक!

M VERMA said...

उस शख़्स से उधार लिए कुछ ख्वाबों का
हिसाब अब भी बाकी है।

हिसाब चुकता भी तो नहीं होना चाहिए

vandana gupta said...

कुछ हिसाब उम्र भर चुकता नहीहोते।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत दिनों बाद आप हिसाब किताब ले कर आई हैं ...न जाने कितने हिसाब बाकी ही रह जाते हैं ... अच्छी प्रस्तुति

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति

Nidhi said...

बहुत दिन बाद आपका लिखा कुछ ..नज़रों के आगे आया.कहाँ थी??????
ये हिसाब -किताब...बही खाते ...ले कर आई ,इतने दिन बाद .अच्छा है पर यही दुआ कि इसका हिसाब जल्दी मिले .

vidya said...

good writing..write more often..

vedvyathit said...

अलसाये से नयन तुम्हारे ख्वाबों में खोये से हैं
बेशक आँख खुली है फिर भी टूटा कब है ख़्वाब अभी
aap kii sundr rchna ke liye bdhaai .

dr.vedvyathit@gmail.com