The Indescribable Clash with Reality...!!!!
Sunday, September 26, 2010
जाने क्यूँ लोग जिंदगी में आते है?
जाने क्यूँ लोग जिंदगी में आते है?
आके फिर कभी न
आने के लिए चले जाते है;
मेरी तन्हाई को
और भी तनहा कर जाते है;
चार दिन की जिंदगी थी उसको भी
अंतहीन लम्बाई तक खींच चले जाते है.
जाने क्यूँ लोग जिंदगी में आते है?
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