तुम अकसर मुझसे
झूठ बोल जाया करते हो,
शायद यह सोच के कि
मैं बुरा न मान लूँ.
पर तुम्हारी ये जो
दो आँखें हैं ना,
मुझे इनको पढ़ना आता है.
ये अकसर तुम्हारी
झूठ की दास्तान
मुझे सुनाया करती है.
कभी-कभी तो तुम्हारी
जी-भर के शिकायत भी करती है.
क्योंकि तुम इनसे भी
झूठ बोला करते हो न?
3 comments:
सच कह दिया ना!
सच कहने कि उनकी आदत पुरानी है !
ya yun kahiye naa.... humne sach bulwa hi diya!!!!!!!!!!!!!!
Post a Comment